हो जाओ तैयार... आ रहे है खैवनहार:राजाधिराज बाबा बैजनाथ महादेव पूरे राजसी वैभव के साथ आज करेंगे नगर भ्रमण

 आगर मालवा (शिवेन्द्रसिंह सिसौदिया)।  दो वर्ष बाद श्रावण माह के अंतिम सोमवार ८ अगस्त के दिन आज आगर के अधिपति राजाधिराज बाबा बैजनाथ महादेव पूरे राजसी ठाठ-बांट के साथ अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। अगस्त २०२० और अगस्त २०२१ में कोरोना पाबंदियों के चलते बाबा बैजनाथ महादेव की इस ऐतिहासिक शाही सवारी की परंपरा का निर्वहन किया गया था, पर बाबा की झलक पाने के लिए लाखों भक्त नहीं जुट पाये थे। इस बार ४४वें वर्ष में पूरे वैभव के साथ भगवान अपने भक्तों के हाल चाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगेे। इस दौरान पूरा नगर शिवमय नजर आयेगा। श्री शिवाय नतस्तुभ्यम् की सुनामी को देखते हुए प्रशासन ने बडे पैमाने पर तैयारी की है ताकि भक्तों को किसी तरह की असुविधा न हो। भक्त मंडल के तत्वावधान में एक लाख श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्थाएं की जा रही है।  


भक्त मंडल के  हनुमानदास गुप्ता, डॉ नरेंद्र सिंह ठाकुर, गिरिराज बंसिया, रूपेश भावसार व अन्य भक्तों ने शब्द संचार को बताया कि पूरे दो वर्ष बाद राजाधिराज बम बैजनाथ महादेव सरकार की शाही सवारी पूरे राजसी वैभव के साथ नगर भ्रमण पर निकलेगी। प्रज्ञाजन अपने अधिपति की अगवानी के पलक पावडे बिछाकर तैयारियों में जुटे हुए है। 150 से अधिक गांवों के बजरंग ध्वज और भजन मंडलियां जब नाचते-गाते सवारी में निकलते है तो भोले के इन भक्तों का ऐसा स्वागत किया जाता है कि सड़कें गुलाल व फूलों से पट जाती है। मेहमाननवाजी का भी अद्भुत नजारा इस गौरवशाली सवारी परंपरा के दौरान देखने को मिलता है। हजारों भक्तों को पुरानी कृषि उपज मंडी प्रांगण में ससम्मान बैठाकर एवं परोसकर भोजन कराया जाता है। प्रशासन द्वारा सवारी को लेकर माकूल सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई है। भक्तमंडल भी नगर में भ्रमण कर इस गौरवशाली परंपरा को ऐतिहासिक रूप देने में जुटा हुआ है। तीन दिन पहले ही भोजन प्रसादी बनना शुरू हो जायेगी। सवारी में इस बार दो से तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होने के कयास लगाये जा रहे है। वहीं एक लाख श्रद्धालु बाबा का प्रसाद ग्रहण करेंगे। बाबा बैजनाथ महादेव की महिमा निराली है। इंदौर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग से महज आधा किमी दूरी पर स्थित इस चमत्कारी मंदिर में वर्षभर श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है। श्रावण माह और शिवरात्रि पर्व के दौरान यहां की छटा देखते ही बनती है। पूरा नगर सेवाभाव से जुटा रहता है। श्रावण माह के अंतिम सोमवार को पिछले 4३ वर्षों से सवारी निकाली जा रही है। सवारी का यह 4४ वां वर्ष है। शाही सवारी का स्वरुप इतना विहंगमय होता है कि उज्जैन में उमडऩे वाली भीड़ का चित्र जीवित हो उठता है। सवारी में 150 से अधिक ग्रामों के बजरंग ध्वज शामिल होते हैं। हर मंडली में 15 से 20 लोग ढोल, ताशे और मजीरे की थाप पर थिरकते हुए जब सवारी में निकलते हैं तो पूरा नगर बाबा भोलेनाथ के जयकारों के साथ भोले शंभु, भोले नाथ, हर-हर महादेव से गूंज उठता है। सवारी में शामिल इन भजन मंडलियों का उत्साह देखते ही बनता है। अखाड़ों के करतब भी कमतर नहीं होते हैं। इस बार सवारी का स्वरुप और भी भव्यतम रहेगा। भक्त मंडल के सदस्यों ने बताया कि सवारी में झांकियां भी सम्मिलित होगी। जिनमें धार्मिक, सांस्कृतिक भावनाओं से ओत प्रोत झांकियां श्रद्धालुओं का मन मोह लेगी। बाबा बैजनाथ के नगर भ्रमण के दौरान छावनी नाके से लेकर कृषि उपज मंडी तक 500 से अधिक स्थानों पर मंच बनाकर पुष्पवर्षा व गुलाल से बाबा का स्वागत किया जाएगा। सवारी मंदिर से शुरु होने के पूर्व पूजन अर्चन के पश्चात बाबा को पालकी में जनप्रतिनिधि व अधिकारियों द्वारा बैठाया जाता है। इस दौरान यहां हजारों भक्त मौजूद रहते है। यहाँ से 4 किलोमीटर का सफर तय कर सवारी नगर में प्रवेश करती है। आगर के राजाधिराज छावनी नाके से जैसे ही अपनी प्रजा का हाल जानने नगर में प्रवेश करते है। पूरा नगर अपने भगवान, अपने अधिपति की एक झलक पाने के लिए आतुर नजर आता है। प्रशासन ने सुरक्षा माकूल इंतजाम किये है।

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