संजय गांधी और कमलनाथ की मित्रता को लेकर कई किस्से भी मशहूर है


देश और मध्यप्रदेश की सियासत में जब भी अहम किरदारों की बात होती है, तो कमलनाथ का नाम शीर्ष नेताओं की लिस्ट में गिना जाता है. उन्होंने मध्यप्रदेश में 15 वर्षों के वनवास को खत्म कर एक बार फिर कांग्रेस को सत्ता दी थी, हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों की बगावत के बाद उनकी सरकार गिर गई थी. 18 नवंबर 1946 को उत्तरप्रदेश के कानपुर में जन्मे कमलनाथ आज मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में कांग्रेस का एक जाना माना चेहरा हैं. 


कमलनाथ की शुरूआती शिक्षा कानपुर में हुई. पिता महेंद्र नाथ की इच्छा थी कि बेटा वकील बने, किन्तु कमलनाथ की किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था. कमलनाथ देहरादून स्थित दून स्कूल के छात्र रहे हैं. कहा जाता है कि दून स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही वह पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी के संपर्क में आए थे और वहीं से उनकी सियासत में एंट्री की नींव तैयार हुई थी. सियासी जानकार बताते हैं कि वक़्त के साथ ही कमलनाथ और संजय गांधी की मित्रता दिन व दिन गहरी होती चली गई, मगर एक वक्त ऐसा आया जब दोनों की दोस्ती में दूरियां आ गईं, वो समय था जब कमलनाथ कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ने चले गए. हालांकि दोनों के दूर होने के बाद उनकी दोस्ती कम नहीं हुआ. ये दोस्ती सियासत में भी चर्चे में रहती थी, वजह थी दोनों का हरदम साथ रहना.


संजय गांधी और कमलनाथ की मित्रता को लेकर एक किस्सा भी मशहूर है कि 'जब आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनी थी. तब एक मामले में संजय गांधी को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. उस वक़्त इंदिरा गांधी को संजय गांधी की सुरक्षा की चिंता थी. ऐसे में कमलनाथ, संजय गांधी के पास जेल जाने के लिए जानबूझकर एक जज से लड़ लिए थे. जिसके बाद अवमानना के आरोप में कमलनाथ को तिहाड़ जेल में डाल दिया गया था.'




Popular posts from this blog

तवा भी बिगाड़ सकता है घर का वास्तु, जानिए रसोई में तवे का महत्व

त्रेतायुग के राम-रावण युद्ध का स्मरण कराएगा कालवा बालाजी  मंदिर

सिद्धार्थ कॉन्वेंट हाई स्कूल में मकर सक्रांति पर्व मनाया