जन्माष्टमी कल:देश ही नही विदेशों में भी रहेंगी कान्हा के जन्म दिवस की धूम
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन भाद्रपद की अष्टमी को आता है इस दिन को जन्माष्टमी कहते हैं। संपूर्ण भारत में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर है लेकिन कई मंदिर ऐसे हैं जो कि बहुत ही महत्व रखते हैं। इन मंदिरों में वर्षभर भगवान श्रीकृष्ण के पूजन-अर्चन हेतु आस्थावानों का मेला लगा रहता है।
1.जन्मभूमि मथुरा
श्रीकृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश की प्राचीन नगरी मथुरा के कारागार में हुआ था। सबसे पहले ईस्वी सन् 1017-18 में महमूद गजनवी ने मथुरा के समस्त मंदिर तुड़वा दिए थे। तभी से यह भूमि भी विवादित हो चली है। जिस स्थान पर जन्म हुआ था उसका एक हिस्सा अब भी जन्मभूमि में बताया जाता है। यहां भगवान कृष्ण-राधे की मनमोहक प्रतिमाएं लगी हुई है। चलित झांकियों के माध्यम से भगवान कृष्ण का संपूर्ण जीवन भी दर्शनार्थियों को बताया जाता है।
2.गोकुल जहां बीता बचपन
भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनका बचपन गोकुल, वृंदावन, नंदगाव, बरसाना आदि जगहों पर बीता। गोकुल मथुरा से 15 किलोमीटर दूर है। यमुना के इस पार मथुरा और उस पार गोकुल है। कहते हैं कि दुनिया के सबसे नटखट बालक ने वहां 11 साल 1 माह और 22 दिन गुजारे थे। वर्तमान की गोकुल को औरंगजेब के समय श्रीवल्लभाचार्य के पुत्र श्रीवि_लनाथ ने बसाया था। गोकुल से आगे 2 किमी दूर महावन है। लोग इसे पुरानी गोकुल कहते हैं। यहां चौरासी खम्भों का मंदिर, नंदेश्वर महादेव, मथुरा नाथ, द्वारिका नाथ आदि मंदिर हैं। संपूर्ण गोकुल ही मंदिर है।
3.बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन
मथुरा के पास वृंदावन में रमण रेती पर बांके बिहारी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहीं पर प्रेम मंदिर भी मौजूद है और यहीं पर प्रसिद्ध स्कॉन मंदिर भी है जिसे 1975 में बनाया गया था। यहां विदेशी श्रद्धालुओं की भी अच्छी-खासी तादाद है जो कि हिन्दू हैं। इसी बृज क्षेत्र में गोवर्धन पर्वत भी है जहां श्रीकृष्ण से जुड़े अनेक मंदिर है।
4.राधारानी मंदिर बरसाना
मथुरा के पास ही बरसान है। बरसाना के बीचोबीच एक पहाड़ी है। उसी के ऊपर राधा रानी मंदिर है। राधा-कृष्ण को समर्पित इस भव्य और सुन्दर मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह ने 1675 में करवाया था। दरअसल, राधा रानी बरसाने की ही रहने वाली थी।
5.कर्मस्थली द्वारिका
मथुरा को छोड़कर भगवान श्रीकृष्ण गुजरात के समुद्री तट स्थित नगर कुशस्थली चले गए थे। वहां पर उन्होंने द्वारिका नामक एक भव्य नगर बसाया। यहां भगवान श्रीकृष्ण को श्री द्वारकाधीश कहा जाता है। वर्तमान में द्वारिका 2 हैं- गोमती द्वारिका, बेट द्वारिका। गोमती द्वारिका धाम है, बेट द्वारिका पुरी है। बेट द्वारिका के लिए समुद्र मार्ग से जाना पड़ता है। द्वारकाधीश मंदिर के अलावा आप गुजरात के दाकोर में स्थित रणछोडऱाय मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। हालांकि गुजरात में श्रीकृष्ण के और भी मंदिर है।
6.भालका तीर्थ, भगवान का निर्वाण स्थल
गुजरात स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पास प्रभास नामक एक क्षेत्र है जहां पर यदुवंशियों ने आपस में लड़कर अपने कुल का अंत कर लिया था। वहीं एक स्थान पर एक वृक्ष ने नीचे भगवान श्रीकृष्ण लेटे हुए थे तभी एक बहेलिए ने अनजाने में उनके पैरों पर तीर मार दिया जिसे बहाना बनाकर श्रीकृष्ण ने अपनी देह छोड़ दी। प्रभास क्षेत्र काठियावाड़ के समुद्र तट पर स्थित बीराबल बंदरगाह की वर्तमान बस्ती का प्राचीन नाम है। यह एक प्रमुख तीर्थ स्थान है। यह विशिष्ट स्थल या देहोत्सर्ग तीर्थ नगर के पूर्व में हिरण्या, सरस्वती तथा कपिला के संगम पर बताया जाता है। इसे प्राची त्रिवेणी भी कहते हैं। इसे भालका तीर्थ भी कहते हैं।
7.श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा
राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथजी का मंदिर। यहां भगवान श्रीकृष्ण को श्रीनाथ कहते हैं। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के वल्लभ सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ स्थानों में सर्वोपरि माना जाता है। नाथद्वारा धान उदयपुर से लगभग 48 किलोमीटर दूर राजसमंद जिले में बनास नदी के तट पर स्थित हैं। जब क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने गोकुल का मंदिर तोडऩे का आदेश दिया तब वल्लभ गोस्वामी यहां की मूर्ति लेकर नाथद्वारा में आ गए और यहां उस मूर्ति की पुन: स्थापना की। ये मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था
8.जगन्नाथ मंदिर पुरी
उड़ीसा राज्य में पुरी का जगन्नाथ धाम चार धाम में से एक है। मूलत: यह मंदिर विष्णु के रूप पुरुषोत्तम नीलमाधव को समर्पित है। कहते हैं कि द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ। यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं।
9.श्रीकृष्ण मठ मंदिर, उडुपी
उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर कर्नाटक में स्थित है। इसका निर्माण संत माधवचार्य ने 13वीं सदी में करवाया था। यह मंदिर लकड़ी और पत्थर से बना हुआ है। इस मंदिर के पास मौजूद तालाब के पानी में मंदिर का प्रतिबिंब दिखाई देता है। भक्ति के लिए ये मंदिर बेहद पवित्र माना जाता है।
10.अरुलमिगु श्री पार्थसारथी स्वामी मंदिर
8वीं सदी में बना यह मंदिर चेन्नई में स्थित है। यहां पर भगवान श्रीविष्णु की कई आकर्षक मूर्तियां मौजूद हैं। यह मंदिर भी पूरे दक्षिण भारत में बहुत प्रसिद्ध है।
11.सांदीपनि आश्रम उज्जैन
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ उज्जैन में सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण के पढ़ाई की थी। इसीलिए यह स्थान भी बहुत महत्व रखता है। यहां भी श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध मंदिर है।
12.पंढरपुर का विठोबा मंदिर
पंढरपुर का विठोबा मंदिर पश्चिमी भारत के दक्षिणी महाराष्ट्र राज्य में भीमा नदी के तट पर शोलापुर नगर के पश्चिम में स्थित है। इस मंदिर में विठोबा के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। यहां भक्तराज पुंडलिक का स्मारक बना हुआ है।