मेरा हनुमानजी की कृपा से सब काम हो रहा है: 32 साल में किये 50 हजार से ज्यादा हनुमान मंदिरों के श्रृंगार

आगर-मालवा: भगवान भक्त पर कब कृपा कर दे। इसका अंदाजा लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। विरले होते है वे लोग जिन पर प्रभु की कृपा हो जाती है। हनुमान अष्टमी पर एक ऐसे ही कृपा पात्र सेवक से भेंट हुई। जो पिछले 32 वर्षों से हनुमानजी महाराज की सेवा कर रहे है। 32 वर्ष में 50 हजार से ज्यादा बार वे हनुमानजी महाराज का चोला श्रृंगार कर चुके है। भाटपुरा निवासी दुर्गाशंकर व्यास 18 वर्ष की आयु से हनुमान मंदिरों में बाबा का चोला श्रृंगार कर रहे है। प्रभु की सेवा से शुरू हुआ यह कार्य न सिर्फ आज उनके लिए पहचान है बल्कि भी आजीविका का साधन भी है। दुर्गाशंकर व्यास ने शब्द संचार से चर्चा करते हुए बताया कि बाल्य काल में भाटपुरा के मंदिर में बैठा हुआ था तभी मुझे एहसास हुआ कि हनुमान जी महाराज का चोला चढाना चाहिए। डरते-डरते हनुमानजी महाराज का चोला चढाया और धीरे-धीरे हनुमानजी महाराज की प्रतिमाओं को श्रृंगारित करने की ऐसी धुन सवार हुई कि यही उनकी आजीविका का माध्यम बन गया। सुबह से लेकर शाम तक और शाम से लेकर देर रात तक श्री व्यास हनुमानजी महाराज की सेवा में लगे रहते है। मंदिरों में भक्त चोला चढाने के लिए समर्पण राशि दे देते है। वहीं पाकर वे खुश हो जाते है। वे नगर के 65 मंदिरों में चोला चढाते है। हर दिन 5 से 6 मंदिरों में चोला चढाने का कार्य श्री व्यास द्वारा संपादित किया जाता है। पहले सिंदूर होता था अब आकर्षकों पोषकों में सजते है महावीर शुरूआती दौर में घी सिंदूर या चमेली के तेल के साथ बाबा को सिंदूर लगाकर वर्क लगाकर सजाया जाता था। धीरे-धीरे आकर्षक पोषकों से बाबा के श्रृंगार होने लगे। पर्व विशेष पर लगभग सभी मंदिरों में आकर्षक से आकर्षक श्रृंगार किये जाते है। श्री व्यास खुद भी पौषाकें निर्मित करते है और बाहर से भी पौषाक मंगाकर बाबा का श्रृंगार करते है।

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