क्या कहता हैं पीपल के बारे में धर्म और वास्तु शास्त्र

घर पर पेड़ पौधे लगाने के लाभों और नुकसानों को समझाते हुए पंडित दयानन्द शास्त्री बताते है कि घर में कभी भी पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे कई समस्याएं आती हैं। हालाँकि पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है क्योंकि यह कहा जाता है कि यह देवताओं का निवास है, इसे वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित नहीं माना जाता है। इसलिए घर में पीपल के पेड़ को उगने नहीं देना चाहिए। यदि यह स्वाभाविक रूप से बढ़ता है, तो इसे सावधानी से उखाड़ा जाना चाहिए और शुरुआत में कहीं और लगाया जाना चाहिए जब यह सिर्फ एक पौधा हो।



पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पीपल को घर में रखने से अशुभता का संचार होता है। वैसे तो इसकी छाया शीतलता प्रदान करती है लेकिन इसे घर में रखने से निर्जनता उत्पन्न होती है। पारिवारिक सदस्य तरक्की नहीं कर पाते, आए दिन उनके इर्द-गिर्द नई-नई समस्याएं जन्म लेती रहती हैं। घर के बाहर भी पीपल का पेड़ हो या उसकी छाया घर पर पड़े तो उस घर की वंशवृद्धि में बहुत सारी अड़चने आती हैं, वैवाहिक जीवन में आए दिन क्लेश रहता है। ऐसा स्थान निर्जन ही रहता है।



घर में पीपल उग आए तो उसे काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलते हैं तथा वंशवृद्धि की हानि होती है।हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पीपल का पौधा सबसे ज़्यादा पूजनीय होता है। पीपल के पेड़ को विश्ववृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पीपल के हर एक हिस्से में देवताओं का निवास होता है। यहाँ तक कि इसके पत्ते-पत्ते में देवता निवास करते हैं। इसके पत्ते में भगवान विष्णु का वास माना जाता है।


ऋग्वेद में अश्वत्थ की लकड़ी के पात्रों का उल्लेख मिलता है। अथर्ववेद और छंदोग्य उपनिषद में इस वृक्ष के नीचे देवताओं का स्वर्ग बताया गया है।इस पेड़ की पूजा के ना केवल धार्मिक बल्कि कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। इसके साथ ही कुछ नियम भी हैं। जो व्यक्ति इन नियमों के हिसाब से पीपल की पूजा करता है, उसके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं रहती है, जबकि इन नियमों को अनदेखा करके पूजा करने वाला कंगाल हो जाता है।


लेकिन मान्यताओं के अनुसार, घर में पीपल के पौधे का उगना अच्छा नहीं माना गया है। यदि पीपल का पौधा उग गया है तो उसे तोड़कर फेंकना नहीं चाहिए। उसे एक गमले में शिफ्ट कर देना चाहिए।किसी विशेष प्रयोजन से विधिवत नियमानुसार पूजन करने तथा यज्ञादि पवित्र कार्यों के लक्ष्य से पीपल की लकड़ी काटने पर दोष नहीं लगता। पीपल के वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है। घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो तो इससे घर में भय और निर्धनता आती है। उसका विधानपूर्वक पूजन करके गमले में लगाकर मंदिर रख आएं।



धर्मशास्त्रों में इसे अश्वत्थ अर्थात पीपल प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गई है। पुौराणिक मतानुसार पीपल के पेड़़ में सभी देवताओं का वास होता है। अतः पीपल के पेड़ को ब्रह्म कहकर संबोधित किया जाता है। ऐसा माना गया है कि पीपल के मूल में भगवान श्री विष्णु, तने में शिव जी तथा अग्रभाग में ब्रह्मा जी का निवास होता है। सनातन धर्म में पीपल वृक्ष को देवों का देव कहा गया है। स्वयं श्रीकृष्ण भगवान ने उससे अपनी उपमा देकर पीपल को देवत्व और दिव्यत्व को व्यक्त किया है।इसके अलावा, पण्डित दयानन्द शास्त्री ने कहा कि शनिवार को पीपल के पेड़ का स्थान बदल दें तो बेहतर माना जाता है। कारण है- यदि घर में पीपल का पेड़ है, तो परिवार के सदस्यों को हर दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और यह उनकी प्रगति में बाधा का काम करता है।


प्राचीन ऋषियों ने घर में पीपल का पेड़ लगाना वर्जित माना है। 


1- पीपल के वृक्ष की छाया शीतल होती है लेकिन घर के लिए ये शुभ नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार जिस घर पर पीपल की छाया आए वह उसकी प्रगति में अवरोध बनती है। ऐसे घर में अनेक समस्याएं स्थायी रूप से जड़ जमा लेती हैं।


2- पीपल का वृक्ष अपने आसपास एकांत और निर्जनता पैदा करता है। अतः जिस घर में यह पौधा होगा वहां के लोगों के जीवन पर संकट आते हैं और वे दीर्घायु नहीं होते।


3- पीपल का वृक्ष वंशवृद्धि के लिए भी उचित नहीं होता। इससे संतान पर कष्ट आता है। साथ ही वंशवृद्धि में अनेक समस्याएं आती हैं। अतः घर में पीपल का वृक्ष नहीं होना चाहिए।


4- चूंकि पीपल का वृक्ष उम्र बढ़ने के साथ अधिक भारी हो जाता है। ऐसे में उसके नीचे घर का निर्माण किसी दुर्घटना को आमंत्रण दे सकता है।


5- पीपल का वृक्ष मोक्षदायक होता है। उसके नीचे अनेक धार्मिक संस्कार किए जाते हैं। घर में पीपल होने से उसके लिए शास्त्रों द्वारा निर्धारित किए गए पवित्रता संबंधी नियमों का पालन सहजता से नहीं होता। अतः पीपल का पेड़ घर में लगाने से दोष की प्राप्ति भी हो सकती है।


6- पीपल का वृक्ष वैराग्य लेकर आता है, इसलिए यह वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं होता। वास्तु के अनुसार, जिस घर में पीपल का पेड़ होता है वहां दंपत्ति के वैवाहिक जीवन में कई समस्याएं आती हैं।


ध्यान रखें--इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।


Popular posts from this blog

तवा भी बिगाड़ सकता है घर का वास्तु, जानिए रसोई में तवे का महत्व

त्रेतायुग के राम-रावण युद्ध का स्मरण कराएगा कालवा बालाजी  मंदिर

सिद्धार्थ कॉन्वेंट हाई स्कूल में मकर सक्रांति पर्व मनाया