समूह सदस्यों द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों की कलेक्टर ने की सराहना
आगर-मालवा-कलेक्टर संजय कुमार की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश डे-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित संकुल स्तरीय संगठन (सीएलएफ) की अध्यक्ष एवं सचिव के साथ बैठक गत दिवस कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में जिले में संचालित कुल 11 सीएलएफ से 22 महिला सदस्यों ने भाग लिया।
बैठक के प्रारम्भ में डीपीएम द्वारा मिशन अंतर्गत जिले में संचालित गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण पॉवर पॉइन्ट के माध्यम से किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयास में समूह सदस्यो की भागीदारी, स्व सहायता समूहो का सशक्तिकरण व आजीविका गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण पर संकुल प्रतिनिधियों से चर्चा करना था।
कलेक्टर द्वारा समूह सदस्यों द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की गई। उन्होंने उपस्थित समूह प्रतिनिधियों से कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जागरूकता हेतु समूह की दीदियाँ जगारदल, कला मण्डली व नाटक मण्डली अथवा बॉल पेंटिंग के माध्यम से भी ग्रामीण समाज को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक कर सकते है। इस प्रकार के कार्य हेतु ग्रामीण विकास विभाग के अलावा महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीएचई, कृषि व उद्यानिकी विभागो को भी समूह सदस्यो की कला का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने स्व-सहायता समूहों को अलग-अलग श्रेणियों विभक्त कर उनका सशक्तिकरण करने के तरीके, उपलब्ध संसाधनों व बाजार की मांग को ध्यान रखते हुए समूहों को कुटीर उद्योग जैसी छोटी-छोटी इकाई प्रारम्भ करवाने, जिला व जनपद स्तरीय शासकीय कार्यालयों में केन्टीन व कैफे हाउस प्रारम्भ करवाने, जॉबकार्डधारी स्व सहायता समूह की महिलाओं को मनरेगा के माध्यम से काम दिलवाने पर भी जोर दिया गया।
कलेक्टर द्वारा समूह सदस्यों को आने वाली समस्याओं के सम्बंध में उनसे अपने विचार जाने गये और उनकी समस्यों को ध्यानपूर्वक सुना गया तथा संबंधित को निर्देशित किया कि जिला व विकासखण्ड स्तर पर समूह सदस्यों की आवश्यकताओ व समस्याओं को ध्यान रखते हुए नीड बेस्ड ट्रेनिंग सेन्टर विकसित किया जाए। जिसमे नियमित रूप से समूह सदस्यो की आवश्यकतानुसार उनके लिए प्रशिक्षण व कार्यशाला का आयोजन होता रहे। इस ट्रेनिंग सेंटर पर सफल स्व-सहायता समूह सदस्यों की कहानियां, फोटोग्राफ, वीडियो क्लिपिंग आदि प्रदर्शनी के रूप में उपलब्ध होना चाहिए, ताकि इन्हें देखकर अन्य स्व सहायता समूहों में भी एक नई ऊर्जा का संचार हो सके। कलेक्टर ने कहा कि किसी व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक व आर्थिक विकास हेतु उसकी मानसिकता व संतुष्टि कारक विकार रूपी जड़ता को तोड़ना अति आवश्यक हैं, तो ही व्यक्ति का विकास संभव है। इसी प्रकार का प्रयोग हमे स्व-सहायता समूहों पर भी करना चाहिए,ताकि हम उनके विकास में सहायक बन सके। उन्होंने निर्देशित किया गया विकसित होने वाले इस सेन्टर में एक कक्ष भी होना चाहिए। जिसमें समूह सदस्यो के बीच जिस गतिविधि का विस्तार किया जाना है उस गतिविधि को समूह सदस्यों द्वारा प्रारंभ करने से पूर्व उसे मॉडल के रूप में विकसित कर प्रयोगात्मक रूप में प्रस्तुत किया जावे, ताकि समूह सदस्य अमुख गतिविधि का अनुसरण बिना जोखिम व पूर्ण विश्वास के साथ कर सके। इन गतिविधियों के लिए विकासखण्ड स्तर पर निर्माणाधीन ‘‘आजीविका भवन’’ को एक मॉडल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में सुसज्जित किया जावे। ?
बैठक के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती अंजली जोसेफ, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन आगर जिला परियोजना प्रबंधक रीना कुमारिया सहित समस्त जिला प्रबन्धक व विकासखण्ड आगर, बडौद, सुसनेर व नलखेड़ा के विकासखण्ड प्रबंधक उपस्थित थे।