गायत्री परिवार की अनुठी आध्यात्मिक पहल:घर घर गायत्री यज्ञ से होगा कोरोना महामारी पर नियंत्रण
आगर मालवा- अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन में गायत्री जयंती की पूर्व बेला पर 31 मई रविवार को एक साथ विश्व के 100 देशों में लगभग डेढ़ करोड़ परिवार इस यज्ञ श्रृंखला में जुड़कर गायत्री मंत्र आहुतियां समर्पित करंगे । वैश्विक महामारी कोविड 19 के नियंत्रण एवम रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने के साथ कोरोना योद्धाओं डॉक्टर , नर्स , पुलिस , सफाई सैनिक एवम अन्य सभी शासकीय, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठनों का मनोबल बढ़ाने हेतु गायत्री मंत्र की 24 आहुतियों के साथ साथ महामृत्युंजय मंत्र की 5 - 5 विशेष आहुतियां भी यज्ञ में समर्पित की जाएगी । इस हेतु शांतिकुंज हरिद्वार प्रमुख डॉ प्रणव पंड्याजी के निर्देशन में विगत एक माह से विशेष तैयारियां की जा रही है ।
यज्ञ हेतु सूर्योदय से सूर्यास्त के मध्य प्रातः 9 से 10.30 एव सायं 5 से 6.30 का समय एक साथ सामूहिकता के भाव से रखागया है। आयोजन के सफल क्रियान्वयन हेतु सोशल मीडिया एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं की मीटिंग एवं प्रशिक्षण आयोजित किये जा रहे है ।
गायत्री परिवार के कार्यकर्ता लॉक डाउन के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से घर घर में सामाजिक दूरियों का पालन करते हुए मोबाइल के माध्यम से यज्ञ संपन्न कराएंगे ।
लॉक डाउन के दौरान कैसे होगा यज्ञ ?
लॉक डाउन के दौरान यज्ञ को करवाना तथा सामग्री उपलब्ध करवाना एक चुनौती भरा कार्य है , इसकी जानकारी देते हुवे प्रज्ञाकुञ्ज आमला के प्रमुख मणिशंकर चौधरी ने बताया कि जिले की चारो तहसीलो में दो -दो हजार घरो में यज्ञ करने का लक्ष्य रखा गया है। शांतिकुंज से प्राप्त निर्देशो के अनुरूप यज्ञ हेतु विशेष सामग्रियों की आवश्यकता नही है। श्रद्धालुओं को अपने अपने घर में उपलब्ध सामग्री से ही यज्ञ सम्पन्न करना है। घर पर उपलब्ध यज्ञ कुंड अथवा ईंट से बना कुंड अथवा मिट्टी का छोटा गमला या मिट्टी का धूप देने वाला पात्र आदि का उपयोग किया जासकता है। यदि हवन सामग्री उपलब्ध हो तो ठीक अन्यथा हवन सामग्री के रूप में सूखे चावल, तिल , जौ , गुड़ , घी , के साथ उपलब्ध होने पर औषधि के रूप में गिलोय , नागरमोथा, कपूर , गूगल, अगर, तगर , आदि को मिला कर भी घर पर हवन सामग्री तैयार कर सकते है। जो इस कोरोना वाईरस के नियंत्रण एवं रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता उत्पन्न करने में सहायक है। इस सामग्री से 24 बार गायत्रीमंत्र तथा 5 बार महामृत्युंजय मंत्र की आहुतियां समर्पित करें।
जो श्रद्धालु पहली बार यज्ञ में सम्मिलित हो रहे है वे बिना यज्ञाचार्य के बिना मंत्र एवं कर्मकांड के ज्ञान के मोबाइल पर उपलब्ध मोबाइल पंडित लिंक के माध्यम से पूर्व में पूरी प्रक्रिया को देख एवं सुन कर पूर्वाभ्यास कर सकते है । इस हेतु केंद्रीय कार्यालय शांतिकुञ्ज एवम प्रांतीय स्तर से यज्ञ की संक्षिप्त और सरल प्रक्रिया के फोल्डर , वीडियो आदि जारी किए गए है। जिसकी सहायता से यज्ञ की सम्पूर्ण प्रक्रिया को समझकर आसानी से यज्ञ सम्पन्न कीया जा सकता है। गायत्री परिवार ने इस गृहे -गृहे गायत्री यज्ञ की श्रृंखला में सभी धर्म प्रेमियों से अपने अपने घरों में सामाजिक दूरियों का पालन करते हुवे यज्ञ सम्पन कर सामाजिक निष्ठा का पालन करने की अपील की है।
जीवदया हेतु अन्न - जल यज्ञ
युवा प्रकोष्ठ प्रभारी रजनीश स्वर्णकार ने यह भी बताया कि जिले स्तर पर इस भीषण गर्मी के दौरान नवाचार के रूप में प्रति दिन अपने अपने घरों में अन्न - जल यज्ञ भी किया जाएगा। इस यज्ञ से पौधों एवं जीव जंतुओं की सुरक्षा करने हेतु जन जागरण अभियान चलाया जावेगा।
जल यज्ञ पौधों एवम पक्षियों की रक्षा हेतु किया जाएगा । इसमे श्रद्धालुगण प्रतिदिन चौबीस बार गायत्री मंत्र में स्वाहा शब्द के साथ एक एक कटोरी जल एक बड़े पात्र में डालते जाएंगे । एकत्रित जल को सूर्यार्घ्य मंत्र के साथ गमलों में पोधो एवं पक्षियों के जल पात्र में डाला जाएगा।
तथा अन्न यज्ञ में घर मे पके भोजन जैसे चावल , रोटी के छोटे छोटे टुकड़ो को 24 बार गायत्री मंत्र में स्वाहा शब्द के साथ एक प्लेट में डाला जाएगा । बाद में इस भोजन को पक्षियों ,गाय ,कुत्ते के दाना पानी के रूप में पात्र में रखा जाएगा। श्रद्धालु चाहे तो सूखे अनाज , गेहूँ , ज्वार , चावल का भी उपयोग कर सकते है।गायत्री परिवार ने सभी धर्मों के अनुयायियों से भीषण गर्मी के दौरान इस अन्न - जल यज्ञ के माध्यम से छोटे छोटे पौधों और जीवो की सुरक्षा का आह्वान किया है।
यज्ञ हेतु हवन सामग्री की उपलब्धता
आगर नगर में सक्रिय सामाजिक संस्था श्री महावीर सेवा समिति ने सम्पूर्ण आगर जिले हेतु 4 क्विंटल हवन सामग्री निःशुल्क वितरण हेतु उपलब्ध करवाई है। जो 200 ग्राम के पैक में 500 पैकेट हर तहसील में गायत्री परिजन के पास उपलब्ध रहेगी। जिसे स्थानीय गायत्री परिजन से मोबाइल पर सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है।यदि श्रद्धालु इस कार्य मे स्वेच्छिक रूप से अपना सहयोग करना चाहे तो वे 20 /- रुपये प्रति पैकेट के मान से भुगतान कर सहयोग प्रदान कर सकते है।प्राप्त राशि का उपयोग धर्मार्थ कार्य हेतु किया जावेगा। जानकारी युवा प्रकोष्ट प्रभारी रजनीश स्वर्णकार ने दी।