चैत्र नवरात्री 2020:दिन में तीन रूपो में दर्शन देती माँ हरसिद्धि,2000 वर्षो से जल रही अखंड ज्योत
आगर मालवा- जिले के बीजानगरी ग्राम में माँ हरसिद्धि का मंदिर चमत्कारी मंदिरों में से एक है।मंदिर में लगभग 2 हजार वर्षो से अखंड ज्योत जल रही है। यहां विराजित माँ हरसिद्धि दिन में तीन रूपो में दर्शन देती है। मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भांजे वियजसिंह ने करवाया था। यहां नवरात्रि में भक्तों का सैलाब उमड़ा है।कई ग्रामीण क्षेत्रो से नवरात्री के दौरान चुनर यात्रा यहा आती है।
मंदिर के पुजारी पंडित रामचंद्र व्यास ने बताया कि आगर मालवा जिले से लगभग 20 किलोमिटर दूर बीजानगरी स्थित मां हरसिद्धि मंदिर चमत्कारिक होने का जीता जागता उदाहरण वर्षो पुरानी अखंड ज्योति है। बताया जाता है यहां 2 हजार वर्षो से यहां अखंड ज्योति जल रही हैं जो हवा चलने पर भी नही बुझती है। जिसके दर्शन मात्र से ही कई रोग और कष्ट दूर हो जाते है।माँ हरसिद्धि मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं एवं इतिहास है। बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भांजे वियजसिंह ने करवाया था। जब वियजसिंह यहां के राजा थे और उन्ही के नाम पर इस गांव का नामकरण बीजानगरी किया गया। राजा माँ हरसिद्धि के अनन्य भक्त थे और प्रतिदिन माँ हरसिद्धि के दर्शन करने के लिए में उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर जाते थे। उनकी इस भक्ती को देखकर माँ हरसिद्धि ने राजा वियजसिंह को सपने में दर्शन देकर कहां की में तुम्हारी भक्ती से प्रसन्न हूं। तुम बीजा नगरी में ही मेरा मंदिर बनवाओं और उस मंदिर का दरवाजा पूर्व दिशा में रखना। राजा वियजसिंह ने ऐसा ही किया एवं मंदिर निर्माण करवाया। जिसके बाद माता ने पूनः राजा को सपना दिया और कहां की में तुम्हारे बनाएं हुए मंदिर में विराजमान हो गई हूँ। तूमने मंदिर का दरवाजा पूर्व में रखा था अब वह पश्चिम में हो गया है। राजा जब सुबह उठकर मंदिर पहुंचा तो उसने देखा की मंदिर का दरवाजा पश्चिम में हो गया है। जिसके बाद मंदिर पर कई चमत्कार हुए। वर्तमान में माँ हरसिद्धि का यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है।
माँ हरसिद्धि मंदिर पर नवरात्रि में लाखों श्रृद्धालु दर्शन करने आते है। यहां हर मन्नत पुरी होती है। मन्नत लेने वाले श्रृद्धालु गोबर से उल्टा स्वास्तिक मंदिर पर बनाते है। जब श्रृद्धालुओं की मन्नत पुरी हो जाती है तो वे पुनः मंदिर में आकर सीधा स्वास्तिक बनाते है। चमत्कारीक मंदिर में विराजित मां हरसिद्धि दिन भर में तीन रूप में दर्शन देती है। यहां पहुंचने वाले श्रृद्धालुओं के अनुसार माँ हरिसिद्धि सुबह बचपन, दोपहर को जवानी और शाम को बुढ़ापे के रूप में दिखाई देती है।