महाशिवरात्रि पर विशेष :पीपल के वृक्ष में से प्रकट हुएं थे पीपलेश्वर महादेव

सुसनेर। अभी तक आपने शिव और उनके मंदिरो के बारे में अनेक किस्से सुने होंगे। लेकिन आगर जिलें के सुसनेर में एक शिवलिंग ऐसा भी है। जो पीपल के वृक्ष में से प्रकट हुआ था। यह शिवलिंग सुसनेर के खेडापति हनुमान मठ मंदिर में विराजित है। जिसे श्रद्धालु पीपलेश्वर महादेव के नाम से पूजते आ रहे है। कहां जाता है कि सालों पहले खेडापति हनुमानजी की प्रतिमा एक विशाल पीपल के वृक्ष के नीचे विराजित थी, वृक्ष की आयु पूर्ण हुई और जब उसे यहां से हटाया गया तो उसमें से शिवलिंग को बाहर निकाल कर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने ही एक छोटा सा मंदिर बनाया गया। जिसमें बीते वर्षो ही प्राण प्रतिष्ठा करके शिवलिंग की स्थापिना की गई। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु हनुमानजी के साथ पीपलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना करके धर्मलाभ ले रहे है। 


तिल-तिल बढता है शिवलिंग


खेडापति के दरबार में विराजित पीपलेश्वर महादेव का यह शिवलिंग साल दर साल तिल-तिल बढता है। इस शिवलिंग की लम्बाई 3 फीट से भी ज्यादा है, जब यह शिवलिंग पीपल के वृक्ष में था। तब से श्रद्धालुओं की द्वारा इसकी पूजा की जाती आ रही है। शिवलिंग काले पत्थर का होकर बडे आकार का है। प्राण प्रतिष्ठा कर चारो ओर जलाधारी लगाई गई है।


पीपल के वृक्ष में से यह शिवलिंग निकला था। जिसे बीते वर्षो ही विधिविधान से प्राण प्रतिष्ठा कर मंदिर में ही विराजमान किया गया है। श्रद्धालु इसे पीपलेश्वर महादेव के नाम से पूजते है। महाशिवरात्रि पर इनका महारूद्राभिषेक कर श्रृंगार किया जाएगा।  
                                   रामसिंह कावल 
                    अध्यक्ष, खेडापति हनुमान मठ मंदिर सुसनेर।


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