महाकाल मंदिर में सेवक समर्पण के साथ सेवा दें ताकि दर्शनार्थी अच्छा संदेश लेकर जायें
उज्जैन-श्री महाकालेश्वर मंदिर में हजारों दर्शनार्थी प्रतिदिन दर्शन हेतु आते है। दर्शनार्थियों के दर्शन की समुचित व्यवस्था के लिये श्री महाकालेश्र मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा नियुक्त सेवक दिन- रात लगे रहते है। समय-समय पर सेवा देने वाले सेवकों के वेतन में वृद्धि भी की जाती है।
हॉल ही में महाकाल मंदिर में सेवा देने वाले सेवकों को उनके वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा की गई है। वेतन वृद्धि के संबंध में मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एस.एस.रावत ने मंदिर समिति के सदस्य सर्वश्री पं. विजय शंकर पुजारी, पं. आशीष शर्मा तथा दीपक मित्तल आदि से चर्चा उपरांत वेतन में 20 प्रतिशत की बढ़ौत्री का निर्णय लिया। मंदिर के सेवकों को वेतन में की गई वृद्धि का लाभ भी जनवरी माह के वेतन में मिल चुका है। मंदिर के सेवकों में खुशी की लहर है। वेतन वृद्धि होने के कारण महाकाल अन्नक्षेत्र तथा महाकाल धर्मशाला के सेवकों ने पॉच-पॉच सो रूपये एकत्रित कर अन्नक्षेत्र में श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी करायी गई। इसके साथ ही उनके द्वारा सम्मान समारोह आयोजित कर महाकाल प्रवचन हॉल में मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक/अधिकारी/समिति के सदस्यों को शाल श्रीफल एवं पुष्प हार पहनाकर सम्मानित किया गया।
प्रशासक एस.एस.रावत ने इस अवसर पर मंदिर के सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि, महाकाल की सेवा का जो मौका मिला है वह भाग्यशाली है। ऐसे पावन अवसर पर हम सब मिलकर महाकाल मंदिर में एकजुटता के साथ सेवाएं दें। मन्दिर के सेवक सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठापूर्वक तथा पूर्ण ईमानदारी के साथ सेवाएं दें। श्रद्धालुओं के साथ मधुर व्यवहार रखें, ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं में एक अच्छा सन्देश जाये। मन्दिर के सेवक टीम भावना के साथ काम करें। दीनोंदिन मन्दिर का विकास में वृद्धि हो रही है और आने वाले समय में श्रद्धालुओं की लगातार संख्या में बढ़ौत्री होगी। इसको ध्यान में रखते हुए हमें मिलजुल कर सेवा देना होगी।
इस अवसर पर प्रशासक के अलावा मन्दिर प्रबंध समिति के अधिकारी पुष्पेन्द्र अहके, मूलचन्द जूनवाल, सीएस जोशी, आरके तिवारी, सुश्री रूबी यादव, मन्दिर के सेवक आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डॉ.पीयूष त्रिपाठी ने किया और अन्त में आभार नि:शुल्क अन्नक्षेत्र के प्रभारी रमेश निंबालकर ने माना।