जिस घर में मेहमान का स्वागत हो वहा भगवान आते है, वह घर बैकुंठ बन जाता है
सुसनेर। मोडी में चल रही सात दिवसीय संगीतयम श्रीमद् भागवत कथा में छटे दिन संत पंडित कमलकिशाेर नागर ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहां की परिवार में भले ही भाईयों में अलग रोटी बनती हो, लेकिन जब भी कोई मेहमान अाए तो एक हो जाओ। कोशिश करों कि घर का कोई राग-द्वेष बाहर न जाने पाए। ईश्वर के लिए अपना अंतकरण शुद्ध कर लो। आगे उन्होने कहां कि जिस घर में मेहमान का स्वागत होता है वहां भगवान आते है वह घर बैकुंठ बन जाता है। गांवो में यह परम्परा आज भी है इसलिए गांव को गांव रहने दो, उसमें संस्कृति की खुशबू महकती है। उन्होने सीख दी की कभी भी दान-पुण्य, अतिथि सत्कार या अच्छे आयोजनो से मुहं मत बिगाडो,वरना आपका घर बिगड जाएगा। उन्होने श्रृद्धालुओं से कहां कि जिस प्रकार बाजार में बिना भाव के कोई वस्तु नहीं खरीद सकते उसी प्रकार बिना भाव के हमें भगवान नहीं मिल सकता। यदि कोर्इ छात्र पढ़ाई करने बैठे और उसका ध्यान भटकाकर पढना छोड़ दें तो वह कभी सफल नहीं होता है। यदि मन लगाकर लगन से पड़ेगा तो अच्छे अंकों से पास होगा।ठीक उसी तरह यदि मनुष्य लगन से भक्ति करेगा तो ईश्वर अवश्य ही मिलेगा। मनुष्य हमैशा लक्ष्य बनाकर अपना प्रयास करते रहना चाहिए। मोडी में आयोजित की जा रही इस सात दिवसीय कथा का समापन महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा।
प्रतिदिन पंडित नागर की कथा श्रवण करने के लिए 15 से 20 हजार श्रद्धालु मोडी पहुंच रहे है। 2 लाख वर्गफीट के पंडाल को और बडा दिया गया है उसके बाद भी वह श्रद्धालुओं की आस्था के आगे बोना साबित हो रहा है। गुरूवार को दिन के समय भी कडाके की ठंड होने के बावजूद भी कथा के छटे दिन भी हजारो की संख्या में श्रद्धालु अपने निजी वाहनो के जरीए कथा सुनने के लिए मोडी पहुंचे थे। और पंडाल के बाहर खुले में ही बैठकर कथा सुनी। श्रद्धालुओं की इतनी संख्या के कारण मोडी में मेले जैसा नजारा पिछले कुछ दिनों बना हुआ है।