सत्संग में बेठोगे तो नाम,पता सब बदल जाएगा,लोग कहेंगे देखो सत्संगी आ रहा है:पंडित नागर
सुसनेर। मनुष्य जीवन में कभी भी धन का नशा मत करना क्योंकि गांजे का नशा, भांग का नशा ,दारू का नशा उतर जाता है परंतु धन का नशा सत्यानाश किए बिना नहीं रुकता है। इसलिए धन का नशा कभी नहीं करना, नशा करना ही है तो ईश्वर भक्ति का नशा करो।
यह बात शनिवार को सुसनेर तहसील के समीपस्थ ग्राम मोड़ी में शुरू की गई संगीतयम श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन पंडित कमलकिशोर ने उपस्थित श्रद्धालुओं काे सम्बोधित करते हुएं कही। उन्होने कहां कि मनुष्य परिस्थितियों के अनुसार कहलाता है। यदी अस्पताल में जाओगे तो मरीज कहलाओगे, बस में जाओगे तो यात्री कहलाओगे। और अगर सत्संग में जाओगे तो सत्संगी कहलाओगे। सत्सग में ना तो कोई जात, ना कोई पात, ना कोई गरीब ना कोई अमीर, ना कोई छोटा ना कोई बड़ा ,यहां जो भी बेठा है वह सब सत्संगी है। हमें निंदक मित्रों से बचना चाहिए। निंदक हमेशा दुष्ट के समान होता है जो पीठ पीछे व्यक्तियों की बुराई करता है। इसलिए मनुष्य को कभी निंदा न ही करना और ना ही निंदा सुनना चाहिए। जिस प्रकार पैसा बड़े से बड़े केस दबा देता है उसी प्रकार पुण्य बड़े से बड़े पाप को दबा देता है। मनुष्य को हमेशा पुण्य करते रहना चाहिए। जो ईश्वर ने दिया उसमें हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए ।यह धन संतों का दिया हुआ है ज्यादा धन मनुष्य के लिए हानिकारक होता है। जिस प्रकार पत्थर की शीला पर रगडने से मैला कपड़ा साफ हो जाता है उसी प्रकार यह काया किसी संत के चरण में पड़े तो उसके सारे मैल धुल जाते हैं। इस अवसर पर विधायक राणा विक्रम, आयोजक समिति के सैकडो लोग व 3 हजार से भी अधिक श्रद्धालुजन मौजूद थे।
संत श्री ने कथा में भजनो के माध्यय से राम नाम की झडी लगाई। राम नाम रस पितो रे मनवा... बंधक मित्र हमारा रे.. बिना रह गए गुरु नहीं पाऐ...गोविंद नहीं है दूर मन भजन करो.. भक्ति को रंग चढ़ाऐ मन तु... आदि भजनों को गाय ऐ जिन पर श्रद्धालु झूमने लगे। एक से बढकर एक भजनो की प्रस्तुति के माध्यम से नागरजी ने श्रद्धालुओ को कलयुग में रामनाम का सुमीरन क्यो आवश्यक है इसका महत्व बताया।कलश यात्रा के साथ हुआ कथा का शुभारंभ
कथा की शुरूआत ग्राम मोडी में भव्य कलश यात्रा निकालकर की गई। जिसकी शुरूआत गोवर्धन नाथ जी मंदिर से कि गई जो पूरे ग्राम में भ्रमण करते हुएं मोखमपुरा जोड़ स्थित कथा स्थल पहुंची। व्यासपीठ का विधिवत पूजर करने के पश्चात कथा का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा में सिर पर कलश लिए महिलाएं व युवतीयां शामिल थी। कलश यात्रा का सिसोदिया परिवार, पाटीदार धर्मशाला, हाट चौक, भारतीय जनातयुवा मोर्चा, सारथी युवा मंडल, ग्राम पंचायत आदि द्वारा स्वागत किया गया।