संगम पर विराजे बाबा मंगलनाथ के दरबार मे 41 वर्षो से गूंज रही है रामायण की चौपाईयां


आगर मालवा- जिले का दूसरा सबसे बड़ा शिवालय शिव तोड़ा जन आस्था का केन्द्र है। आगर के अधिपति बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर की तरह ही यहां पर भी पिछले 41 वर्ष से अखण्ड रामायण पाठ चल रहा है। यहां पर भी प्रतिवर्ष रामायण -परायण के निमित्त भजन-किर्तन के साथ हवन इत्यादि का आयोजन किया जाता है। दस-बारह वर्षो के दौरान जन सहयोग से इस मंदिर का पुरी तरह कायाकल्प हो चुका है।
 
मंगलनाथ महादेव मंदिर शिवतोड़ा, कोलूखेड़ी वर्षो से क्षेत्रवासियों के लिए आस्था का केन्द्र है। यूं तो यहा वर्षभर आयोजनों का सिलसिला चलता-रहता है लेकिन कार्तिक पुर्णिमा, सावन और महाशिवरात्रि के दौरान यहां की छटा देखते ही बनती है। इस मंदिर की कई खासियत भक्तों को अपनी ओर खिंचती है। प्रकृति की ओट में विराजे मंगलनाथ महोदव के ठीक सामने से लखुंदर नदी बहती है। जबकि पिछले हिस्से से टिल्लर नदी एक अन्य सहायक के साथ आकर मंगलनाथ महोदव के पूर्वी छोर पर लखुंदर में मिलकर त्रिवेणी का रूप लेती है। त्रिवेणी संगम, हरे-भरे वृक्ष और उन पर कलरव करते पक्षियों की चहचहाट के बीच मंदिर से गुंजती रामायण की चौपाईयां कोलूखेड़ी, मथुराखेड़ी व अन्य गावो की ओर जाने वाले राहगीरों को अपनी ओर खिंच लेती है। मंदिर का मनोरम दृश्य खासकर बारिश के मौसम में सैलानियों का ठिकाना रहता है। यहां जन्मदिवस सहित अन्य छोटे-बड़े आयोजन परिजनों के साथ आये दिन आयोजित होते रहते है। अखण्ड रामायण-परायण समिति के अध्यक्ष कोलूखेड़ी निवासी रामनाथसिंह ने जानकारी देते हुए बताया की मंदिर परिसर में अखण्ड रामायण-परायण हेतु अलग से कक्ष बना हुआ है। यहां 20 जुलाई 1978 से अखण्ड रामायण-परायण शुरू हुआ था।  20 जुलाई 2019 को इस  आयोजन को 41 वर्ष पूर्ण हो चुके है। रामायण पाठ के लिए 250 से अधिक गावों के सदस्य क्रमानुसार यहां पहुंचकर रामायण का पाठ करते है। मंदिर परिसर की दिवारों पर प्रत्येक गावं के सदस्य के साथ दिनांक भी अंकित है किस दिन उन्हें रामायण पाठ करना है। 


परायण से जुड़े है करीब 250 गांव


मंगलनाथ महादेव मंदिर में पिछले 41 वर्षों से जारी अखण्ड रामायण पाठ में ग्राम   लसुल्डियाजगमाल, कोलूखेड़ी, मथुराखेड़ी, भण्डेड़ी, अरोलिया, सामगीमाना, आक्याभाटी, जावदी, धतरावदा, सागडिय़ा, चैमा, बिरागांव, पटाडिय़ा ढाबी, चिकली परमार, नापाखेड़ा, सनावदी, बटावदा, जस्साखेड़ी, अरनिया, कानड़, बड़वेली, बुरलाय, बण्डाहेड़ी, बाजना, गोविंदा, सुतड़ा, मुण्डला,सरली सहित अन्य दर्जनों गांव के ग्रामीण यहां प्रतिदिन अपने नियत समय पर पहुंचकर परायण करते है।


संगम पर होता है नहान और दीपदान


कार्तिक पुर्णिमा के अवसर पर पूरे माह कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं बड़ी संख्या में शिवतोड़ा के सगंम पर पहुंचकर दीपदान करती है। मालवांचल में कार्तिक के नहान की परंपरा का निर्वहन बड़ी श्रृद्धा के साथ किया जाता है। महिलाओं के साथ कन्याओं द्वारा भी कार्तिक नहान कर दीपदान किया जाता है। संपूर्ण जिले में मंगलनाथ महोदव मंदिर का संगम ही ऐसा स्थान जहां कार्तिक पुर्णिमा के दौरान भी जल उपलब्ध रहता है।


प्रतिमाह आयोजित होता है शिवरात्रि उत्सव 


मंगलनाथ महादेव मंदिर पर 5 जनवरी 2001से
प्रतिमाह शिवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। भजन-कीर्तन के साथ भोले के भक्त इस उत्सव के दौरान लीन हो जाते है। इस आयोजन हेतु भी अलग-अलग सुंदरकाण्ड मंडलिया,कृष्ण भजन मंडल, रामायण मण्डल समिति सहित अन्य भक्तगण के लिए प्रत्येक माह की शिवरात्रि के आयोजन हेतु दिन तय है।


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