प्रकरण दर्ज होने से खिसकी भू माफिया के पैरों तले की जमीन, आगर में भी हुई कार्यवाही
आगर मालवा- लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर कृषि भूमि पर कॉलोनी काटने वाले भू माफियाओं की अब खैर नहीं है। प्रदेश भर में चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत आगर में भी अवैध कालोनियां काटने वाले 11 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है।
बुधवार को मुख्य नगरपालिका अधिकारी सी एस जाट ने प्रकरण दर्ज करने हेतु जैसे ही आवेदन थाने पर दिया।वैसे ही जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया।वैसे तो नगर में कई कालोनियां अवैधानिक रूप से विकसित की गई है किंतु प्रारंभिक चरण में इस कार्यवाही मात्र से भू माफियाओ भू माफिया के पैरों तले की जमीन खिसक गई है।गौरतलब रहे कि करीब 4 वर्ष पहले आगर को जिले का दर्जा दिया गया था उस वक्त आगर में जमीनों के भाव में एकाएक उफान आ गया था। धड़ल्ले के साथ कई कालोनियां विकसित कर दी गई।अधिकतर कॉलोनियों में शासकीय भूमि या निजी भूमि गलत तरीके से खरीद कर कॉलोनी काटे जाने की शिकायत भी सामने आने लगी। आम आदमी के जीवन से जुड़ी बिजली,पानी की शर्ते जब पूरी नहीं हुई तो कालोनाइजरों के खिलाफ आवाज मुखरित होने लगी।इसी बीच प्रदेश सरकार ने इस तरह के भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने का फ्री हैंड प्रशासन को दे दिया। नतीजतन बड़े -बड़े ख्वाब दिखाकर लोगों को ऊंचे दामों में प्लाट बेचने वाले भू माफियाओं की गिरेबान तक जिम्मेदारों के हाथ पहुंच गए ।बुधवार को इसी कड़ी में उज्जैन रोड पर वेयर हाउस के पीछे कॉलोनी काटने वाले मुबारिक पिता मूलसार खां व सत्तार खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। ईदगाह के पीछे कॉलोनी बनाने वाले मनु उल्ला खां पिता सत्तार उल्ला व नूरजहां पति सत्तार खां के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया।वेयर हाऊस के पीछे ही हैदर खां पिता इकबाल का के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। इसी क्षेत्र में मुकेश कुमार पिता चांदमल,ज्योति पति मुकेश द्वारा भी कॉलोनी काटी गई थी।उनके विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज किया गया है।ईदगाह के पीछे कॉलोनी विकसित करने वाले कलीम उल्ला पिता अजमत उल्ला व वेयर हाउस के पीछे कय्यूम द्वारा कॉलोनी बनाई गई थी। इन सभी 6 कालोनियों के मामले में अलग-अलग 6 प्रकरण दर्ज करते हुए पुलिस ने 11 लोगों को आरोपी बनाया है। सनद रहे कि प्रशासन ने कार्यवाही से पूर्व कालोनाइजरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। लेकिन कई लोगों ने जवाब नहीं दिया और नही इनके पास पर्याप्त दस्तावेज थे।