मोडी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में धूमधाम से मना श्री कृष्ण जन्मोत्सव


सुसनेर। ईश्वर न तप से, न यज्ञ से, न ज्ञान से, न दान से प्रसन्न होता है, बल्कि भगवान तो सच्चे हृदय से की गई प्रार्थना से प्रसन्न होता है। और वह भक्त के अधीन हो जाता है। जैसे मीरा की सच्ची भक्ति ने विष जहर को अमृत बना दिया, संत नरसिंह मेहता का मायरा भगवान ने भर दिया। उक्त विचार समीपस्थ ग्राम मोडी में चल रही सात दिवसीय कथा के चोथे दिन पंडित कमलकिशोर नागर ने व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को सम्बाेधित करते हुएं व्यक्त किए। कथा में चौथे दिन बडी धूमधाम से श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान कृष्ण के भजनों पर झूमे। मंगलवार को पंडित नागर की कथा श्रवण करने के लिए 15 से 20 हजार श्रद्धालुओं मोडी पहुंचे। 


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